शुरुआत तो की थी तुमने अब क्यों मुंह मोड़ते हो मुझसे इश्क़ किया था तुमने अब मेरा दिल क्यों तोड़ते हो तुमने ही तो नींद उड़ाई तुमने ही तो चैन छिना था वो याद है ना शाम तुम्हे जब दिल को मेरे जीता था मुझे पता नही था प्यार इश्क़ कुछ तुमने ही तो सिखलाया फिर यु एक दिन मुझसे थक कर क्यों तुमने मुझको ठुकराया मैं डरती थी जब मोहोब्बत से तुमने मुझको कुछ समझाया फिर पत्थर दिल यूं बन कर क्यों तुमने मुझको धमकाया हमने ख्वाब बुने थे हमने कस्में खायी थी फिर क्यों तुमने बाजारों में अब मेरी की रुसवाई थी तुमने प्रस्ताव दिया था मुझको तुमने गीत सुनाए थे फिर क्यों तुमने मेरे नाम के आगे अपशब्दों के प्रत्य लगाए थे बखान करते थे सुन्दरता का मेरी तुमने मेरा गुणगान किया फिर क्यों तुमने उस नुक्कड़ पर तेजाब को मुंह पर डाल दिया क्या ग़लती थी मेरी क्या दुश्मनी थी तुमसे क्या मैंने कोई उधार लिया क्यों मुझसे ही तुमने एक पल मेरा ही कल यू छीन लिया मेरी इज्जत की नुमाइश लगी क्यू मेरी ही ग़लती निकली फिर क्यूं मुझको फिर बदनाम किया यूं इश्क़ पे कालिख़ पोत दी यू #acidattack #love #socialissue #hurt #question #you #why #nojoto