ज़िन्दगी से एक ही शिकायत है कि जिंदगी..... यूँ ना इतरा ठहर तो ज़रा सामने तो आ गले से लगा लूंगा...... जिंदगी ...... है यार मेरा मुझपे फिदा उठाऊं नखरा रुठा तो मना लूंगा.... जिंदगी....... कहूँ तुझसे क्या टूटा ख्वाब मेरा समेटूँ टुकड़ा फिर सजा लूंगा ....... जिंदगी ...... आमिल Zindgi Yu na itraa Theher to zra Samne to aa..... Gale se lagaa lungaaa Zindgi Hai yaar mera