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सुवह नींद खुलते ही जैसा ही फोन उठाया 10:00 बज गए ह

सुवह नींद खुलते ही जैसा ही फोन उठाया 10:00 बज गए हैं यह देखकर अचानक मन घबराया,

खाना कब बनाएंगे ,जिम कब जाएंगे, काम पर लेट हो जाएगा
बोलकर के वक्त की नजाकत का क्या कहना है
कुछ पल लगे फिर याद आया आज फिर घर पर ही रहना है।

फिर सोचा मौका मिला ही है आज जी भर के जिएंगे वो काम जो वक्त के भरोसे टाल देते थे वो सारे आज करेंगे,
किताबें पढ़ेंगे, गाने गाएंगे या फिर आलस करेंगे।
dipakjha3459

Dipak Jha

New Creator

सुवह नींद खुलते ही जैसा ही फोन उठाया 10:00 बज गए हैं यह देखकर अचानक मन घबराया, खाना कब बनाएंगे ,जिम कब जाएंगे, काम पर लेट हो जाएगा बोलकर के वक्त की नजाकत का क्या कहना है कुछ पल लगे फिर याद आया आज फिर घर पर ही रहना है। फिर सोचा मौका मिला ही है आज जी भर के जिएंगे वो काम जो वक्त के भरोसे टाल देते थे वो सारे आज करेंगे, किताबें पढ़ेंगे, गाने गाएंगे या फिर आलस करेंगे।

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