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ईश्वर कि अद्भभुत रचना "किन्नर" 🙏🌹ईश्वर की अद्भभु

ईश्वर कि अद्भभुत रचना
"किन्नर" 🙏🌹ईश्वर की अद्भभुत रचना "किन्नर"🌹🙏
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ईश्वर ने स्त्री को रचा, कोमलता, सुघड़ता, प्रेम, कला के रंग भरे पर कुछ था जो छूट सा गया... 
फ़िर ईश्वर ने पुरुष को रचा, कठोरता, जटिलता, पौरुष भरते हुए कठोर से रंग भरे पर अब नृत्य, संगीत जैसे आयाम पीछे छूट गए.बड़ा परेशान था सृजनहार, 
इन विपरीतगामी रंगों को कैसे संग संग लाए... 
हाथों में सृजन तूलिका लिए बैठा परेशान था, कि मां अरिष्टा और कश्यप ऋषि ने ब्रह्म के पैर के अंगूठे की छाया में कुछ नवीन रचा.जिसमें पुरुषत्व के गहरे रंग तो
ईश्वर कि अद्भभुत रचना
"किन्नर" 🙏🌹ईश्वर की अद्भभुत रचना "किन्नर"🌹🙏
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ईश्वर ने स्त्री को रचा, कोमलता, सुघड़ता, प्रेम, कला के रंग भरे पर कुछ था जो छूट सा गया... 
फ़िर ईश्वर ने पुरुष को रचा, कठोरता, जटिलता, पौरुष भरते हुए कठोर से रंग भरे पर अब नृत्य, संगीत जैसे आयाम पीछे छूट गए.बड़ा परेशान था सृजनहार, 
इन विपरीतगामी रंगों को कैसे संग संग लाए... 
हाथों में सृजन तूलिका लिए बैठा परेशान था, कि मां अरिष्टा और कश्यप ऋषि ने ब्रह्म के पैर के अंगूठे की छाया में कुछ नवीन रचा.जिसमें पुरुषत्व के गहरे रंग तो

🙏🌹ईश्वर की अद्भभुत रचना "किन्नर"🌹🙏 ************************************ ईश्वर ने स्त्री को रचा, कोमलता, सुघड़ता, प्रेम, कला के रंग भरे पर कुछ था जो छूट सा गया... फ़िर ईश्वर ने पुरुष को रचा, कठोरता, जटिलता, पौरुष भरते हुए कठोर से रंग भरे पर अब नृत्य, संगीत जैसे आयाम पीछे छूट गए.बड़ा परेशान था सृजनहार, इन विपरीतगामी रंगों को कैसे संग संग लाए... हाथों में सृजन तूलिका लिए बैठा परेशान था, कि मां अरिष्टा और कश्यप ऋषि ने ब्रह्म के पैर के अंगूठे की छाया में कुछ नवीन रचा.जिसमें पुरुषत्व के गहरे रंग तो