अजीब अक्ल के इंसान हो मियां, मशवरा दे रहे हो ,दुआ दे रहे हो। ये दौर है दवा का तुम अभी वाकिफ नहीं इसलिए तुम इस मर्ज को हवा दे रहे हो।। ©Aditya Kumar Bharti #दुआ और दवा