बुंद बुंद 💦 न जाने क्यों कम हो रही हु न पता, कहा में खो रही हु ,,,,,,,,,, कौन डगर, कौन सफर किस और में मोड़ रही हु न पता ,,,,,,,,,,,,,,,,,,, कौन पक्ष, कौन पहलु किस धारा में डोल रही हु, न पता ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, कौन अक्स, कौन रंग किस वजुद में ढल रही हु, न पता ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, बुंद बुंद 💦 न जाने क्यों कम हो रही हु, न पता ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, #N@in@ ,,,,,,,,,,✍ (02 Feb. 2020)