कोई रुलाए तुम्हे इतना किसी में दम नहीं खुद अपना मूल्य समझो हो किसी से कम नहीं कोयला समझ जो दुत्कारते रहे सदा उनके लिए क्यों देते हो खुद को सज़ा खग मृग कहां आपस में व्यर्थ लड़ते हैं मानव मतलब के लिए काम सभी करते हैं किसी के व्यवहार से परेशान न होना कहीं ज़िन्दगी से सीखो जो न रुकती कहीं ..... #nojotohindi#सीख#poetry#कविता