मैं झीलों से गिर जाऊंगा, तुम नदिया बन कर के मिल जाना, मै काँटों सा लग जाऊंगा, तुम गुलाब बन खिल जाना, हास बने, परिहास बने चाहे कितने भी उपहास बने, टूटे से जो ना टूटे, तेरा मेरा वो विश्वास बने, तू बन जाये मेरी और मै बस तेरा हो जाऊं, एक नया सुनहरा इतिहास बने...... ❤️❤️ मोह्हबत......