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हमनें ज़ाहिलो को ज़ाहिल क्या कहा, बहुत बड़ा बवाल हो ग

हमनें ज़ाहिलो को ज़ाहिल क्या कहा,
बहुत बड़ा बवाल हो गया।
1400 साल पूराने यह ज़िहादी भी है,
इंसान यह सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो गया।
बस इनको ज़रा सा ज़ाहिल क्या कहा,
सारे साँप आ गए बिल से बाहर,
वाह जी वाह कमाल हो गया।
ज़िहाद को सही और इंसानियत को,
ग़लत ठहराना शुरू हो गया।
इतने पर कंहा खत्म होना था यह किस्सा,
यह जो हलाला से पैदा हुए,
किया मानवता को हलाल, 
अब उन्ही के लिए मानवाधिकार जरूरी हो गया,
जो हर रोज़ जलाते है हमारे तिरंगे को,
हर बार धज्जियाँ उड़ाते सँविधान की,
उनके लिए भी है सँविधान,
कहना शुरू हो गया।
गन्दी राजनीति के चलते......
वाह गद्दारों इन जिहादियों साथ खड़े तुम हो गए
अपनी माँ को भी बेच दोगे,
ऐसा मुझे यक़ीन हो गया।
तुम्हें इंसान कहना ग़लती हुई,
सुअर कहना मैं भूल गया।

GOVINDA #India #bharat #jai_hind #Zee
हमनें ज़ाहिलो को ज़ाहिल क्या कहा,
बहुत बड़ा बवाल हो गया।
1400 साल पूराने यह ज़िहादी भी है,
इंसान यह सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो गया।
बस इनको ज़रा सा ज़ाहिल क्या कहा,
सारे साँप आ गए बिल से बाहर,
वाह जी वाह कमाल हो गया।
ज़िहाद को सही और इंसानियत को,
ग़लत ठहराना शुरू हो गया।
इतने पर कंहा खत्म होना था यह किस्सा,
यह जो हलाला से पैदा हुए,
किया मानवता को हलाल, 
अब उन्ही के लिए मानवाधिकार जरूरी हो गया,
जो हर रोज़ जलाते है हमारे तिरंगे को,
हर बार धज्जियाँ उड़ाते सँविधान की,
उनके लिए भी है सँविधान,
कहना शुरू हो गया।
गन्दी राजनीति के चलते......
वाह गद्दारों इन जिहादियों साथ खड़े तुम हो गए
अपनी माँ को भी बेच दोगे,
ऐसा मुझे यक़ीन हो गया।
तुम्हें इंसान कहना ग़लती हुई,
सुअर कहना मैं भूल गया।

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