खुद के ही शब्दों में उलझी खुद से ही लड़ती फिरती कोशिशें हैं बहुत खुद से आगे बढ़ने की, लेकिन क्या करूँ? आखिर हूँ मैं एक पूर्णविराम। सिर्फ औपचारिकता नहीं, शब्दों को पूरा कर, करती हैं तब आराम, पूर्णविराम