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खुद के ही शब्दों में उलझी खुद से ही लड़ती फिरती कोश

खुद के ही शब्दों में उलझी
खुद से ही लड़ती फिरती
कोशिशें हैं बहुत खुद से आगे बढ़ने की,
लेकिन क्या करूँ?
आखिर हूँ मैं 

एक पूर्णविराम। सिर्फ औपचारिकता नहीं, शब्दों को पूरा कर, करती हैं तब आराम, पूर्णविराम
खुद के ही शब्दों में उलझी
खुद से ही लड़ती फिरती
कोशिशें हैं बहुत खुद से आगे बढ़ने की,
लेकिन क्या करूँ?
आखिर हूँ मैं 

एक पूर्णविराम। सिर्फ औपचारिकता नहीं, शब्दों को पूरा कर, करती हैं तब आराम, पूर्णविराम
asmitasingh6549

Asmita Singh

Gold Star
Growing Creator

सिर्फ औपचारिकता नहीं, शब्दों को पूरा कर, करती हैं तब आराम, पूर्णविराम #विचार