हमे इश्क़ उन्हें इश्क़-ऐ-व्यापार था हमे अपनी वफाओं पे यकीं उन्हें सौदे पे ऐतबार था बेखबर थे इश्क़-ऐ-बाजार से हमे लेन-देन का न पता था नायाब समझा था हमने खुदा के इश्क़-ऐ-तोहफे को वो व्यापारी हमारे दिल का दाम लगाने को तैयार था #likhari