बगैर उनकी रज़ा के उनसे मोहब्बत की है फना होकर उनमें उनकी इबादत की है शिला मिलेगा हमें हमारी गुश्ताख़िओं का बगैर उनकी रज़ा के उनकी इनायत की है कोई शिकवा न कोई उम्मीद है हमें उनसे क्यूँकि बे-बाक नहीं, पाक मोहब्बत की है #mohabbat तरूण.कोली.विष्ट