पल गुजरते है तो...गुजर जाने दो, हमें तुम्हारा चेहरा नजर आने दो। तेरे दिल में...रहने का विचार है, सुनो अपने दिल में उतर जाने दो। रात के अंधेरे; गुमराह कर रहे, तो ठहरो अभी अब सहर आने दो। क्यूँ गायब है सागर से लहरे भी, देखेंगे..जरा कुछ लहर आने दो। कब तक आवारा भटकेगा 'गोविन्द' यार अपने दिल में, ठहर जाने दो।। गोविन्द पन्द्राम #lostinthoughts