कैसी खुशी कैसा जशन मनाया जा रहा है, क्यों उस जख्म को फिर से ताज़ा किया जा रहा है, क्या कोई नाम और न मिला तुमको, जो तुमसे उस बला को घर कर लिया बदला ही था रास्ता मैंने, पर तुमने उसी रास्ते पर घर बना लिया, मांग लेते वैसे ही दे देते, न यूँ जीते न तिल तिल के मरते, न अब आप हमें ये सितम दीजिये, गुजारिश जलसे का नाम बदल दीजिये, मुद्दतों जिसकी आस थी वो उससे वो सिला मिला, दिन रात मेहनत और इंतज़ार का मुझे ये तोहफा मिला, उस तोहफे को यूँ न सरेआम कीजिये, मेरी मोहब्बत है वो खत, उसे यूँ बदनाम न कीजिये। #ghazal #nojoto #life #party #qoutes #shayari #poem #music #nojotomusic #hindi