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क़ातिल नही मेरे हजार बस एक ही इंसान बार-बार क़त्ल क

क़ातिल नही मेरे हजार 
बस एक ही इंसान बार-बार क़त्ल कर जाता है 
मै बिखर जाती हुँ उसके गम मे 
वो हवा बन तेज़ी से निकल जाता है 
कुछ इस कदर वो मेरा हस्र कर जाता है 
मै बिखर जाती हुँ उसके गम मे 
वो हवा बन तेज़ी से निकल जाता है #nojotoshayri
क़ातिल नही मेरे हजार 
बस एक ही इंसान बार-बार क़त्ल कर जाता है 
मै बिखर जाती हुँ उसके गम मे 
वो हवा बन तेज़ी से निकल जाता है 
कुछ इस कदर वो मेरा हस्र कर जाता है 
मै बिखर जाती हुँ उसके गम मे 
वो हवा बन तेज़ी से निकल जाता है #nojotoshayri