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शामें... यें शामें मेरे वजूद का एक हिस्सा है हर क

शामें...

यें शामें मेरे वजूद का एक हिस्सा है
हर किसी का शाम का अपना ही किस्सा है
कुछ खामोश-सी पर बहुत कुछ बयां करती यें शामें
आफताब से निकल जुल्मत में समां चंद पलों में सिमट जाती यें शामें
किसी के लिए उन्स और व़फा जैसी है
मैं अपना क्या कहूं मेरे लिए ज़फा सी हैं
बस इतनी-सी है इसकी कहानी ...
आज तो बेशक अजीब-सी हैं क्या पता कल हो रूहानी...
यें शामें!!! #poem#shaam#dilkibaatien#nojoto
शामें...

यें शामें मेरे वजूद का एक हिस्सा है
हर किसी का शाम का अपना ही किस्सा है
कुछ खामोश-सी पर बहुत कुछ बयां करती यें शामें
आफताब से निकल जुल्मत में समां चंद पलों में सिमट जाती यें शामें
किसी के लिए उन्स और व़फा जैसी है
मैं अपना क्या कहूं मेरे लिए ज़फा सी हैं
बस इतनी-सी है इसकी कहानी ...
आज तो बेशक अजीब-सी हैं क्या पता कल हो रूहानी...
यें शामें!!! #poem#shaam#dilkibaatien#nojoto