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तुझसे मिलने को ,ये दिल आज भी ना जाने क्यूं बहक सा

तुझसे मिलने को ,ये दिल आज भी ना जाने क्यूं बहक सा जाता है
हम लाख समझाते है इसे, पर ना जाने क्यूं इसे कुछ समझ ही नहीं आता है | अनकहे अल्फ़ाज
तुझसे मिलने को ,ये दिल आज भी ना जाने क्यूं बहक सा जाता है
हम लाख समझाते है इसे, पर ना जाने क्यूं इसे कुछ समझ ही नहीं आता है | अनकहे अल्फ़ाज

अनकहे अल्फ़ाज

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