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आज सुबह बंद आँखों से, मैंने एक, ऐसा मंज़र देखा..

आज सुबह बंद आँखों से, 
 मैंने एक,  ऐसा मंज़र देखा... 
              हम खुद को खुद से मार रहे, 
          एक ऐसा खंजर देखा.... 
वीरानी सड़के और वीराने घर बार थे, 
सारी बिल्डिंग , सारी सुविधा 
सब खाली बेकार थे...
                  एक भी पंछी,  एक भी प्राणी   
                    दूर-दूर तक कुछ ना पास था... 
एक भी पेड़ नहीं जमीं पर 
ये कैसा अद्धभुत विकास था.. 
               जरा सोचना तुम सब भी 
                ये कैसी मोह माया है 
अपनी ही प्रकृति को ख़त्म कर 
हमने खुद पर भारी संकट लाया #save  environment
# save water
आज सुबह बंद आँखों से, 
 मैंने एक,  ऐसा मंज़र देखा... 
              हम खुद को खुद से मार रहे, 
          एक ऐसा खंजर देखा.... 
वीरानी सड़के और वीराने घर बार थे, 
सारी बिल्डिंग , सारी सुविधा 
सब खाली बेकार थे...
                  एक भी पंछी,  एक भी प्राणी   
                    दूर-दूर तक कुछ ना पास था... 
एक भी पेड़ नहीं जमीं पर 
ये कैसा अद्धभुत विकास था.. 
               जरा सोचना तुम सब भी 
                ये कैसी मोह माया है 
अपनी ही प्रकृति को ख़त्म कर 
हमने खुद पर भारी संकट लाया #save  environment
# save water
pooja1464341979013

pooja negi#

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#Save environment # save water