वो बचपन ही मस्ताना था दिल तितली का दीवाना था जहाँ रोज खयालो मै परियो को आना जाना था जहाँ पापा के कंधे पर बैठ कर कही दूर तक जाना था वो माँ के अंचल मै मुस्कुरा के सो जाना था कहाँ आ गये इस जवानी के चक्कर मै.. ना भूक लगे ना प्यास लगे.......... ना याद किसी की आती है.......... ना खुआइशे पूरी हो पाती है............ कोई लोटा दे वो बचपन मेरा........... वो बचपन ही मस्ताना था... #bachpan #or #Uski#yaade#Dilse #Shayri#❤