तूझे सुब्हा लिखूंगा मैं तुझे मैं शाम लिख दूँगा | मुहब्बत में तूझे मैं प्यार का पैगाम लिख दूँगा || मिटा सकता नहीं कोई लिखा जो नाम दिल पे है | कहो तो जिंदगी अपनी तुम्हारे नाम लिख दूँगा || मुझे मदहोश करती है तुम्हारी झील सी आँखे | तुम्हारी मद भरी आँखे इन्हे मैं जाम लिख दूँगा || हो तुम्ही हो चाँद पूनम का तुम्ही से रात है रोशन | करूँ तारीफ़ क्या तेरी तूझे गुलफाम लिख दूँगा || करो तुम "हिन्द" से वादा वफ़ा के साथ जीने का | बची जो जिंदगी मेरी वफ़ा के नाम लिख दूँगा || बी.के.गुप्ता"हिन्द" मोब-9755933943 #Happy_Propose_day