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कलम रुक जाती हैं अक्सर सादे पन्ने के इंतजार में

कलम रुक जाती हैं अक्सर 
सादे पन्ने के इंतजार में 

आज जो ख़बर धुएँ में है 
वो थीं कभी अखबार में 

अब इजाज़त दिल की नहीं मिलती 
बसर मुश्किल हुआ ऐतबार में 

टूट जाती हैं चीजें बहुत 
ऐहतियात बरतना पड़ रहा घर- बार में 

खो गया मैं भी था किसी से मिल कर 
ऐसे एक बार हमने भी दिल हारा प्यार में 

चौखट  आखों पर जमी रहती थी 
हमने वीराने से पल गुज़ारे है गुलशन - गुलज़ार में 

एक फ़कीर मस्तमौला अमीर बना 
मैं कुछ नहीं खरीद सका मोहब्बत के बाजर में .... 

सलोनी कुमारी

©khubsurat #drowning
कलम रुक जाती हैं अक्सर 
सादे पन्ने के इंतजार में 

आज जो ख़बर धुएँ में है 
वो थीं कभी अखबार में 

अब इजाज़त दिल की नहीं मिलती 
बसर मुश्किल हुआ ऐतबार में 

टूट जाती हैं चीजें बहुत 
ऐहतियात बरतना पड़ रहा घर- बार में 

खो गया मैं भी था किसी से मिल कर 
ऐसे एक बार हमने भी दिल हारा प्यार में 

चौखट  आखों पर जमी रहती थी 
हमने वीराने से पल गुज़ारे है गुलशन - गुलज़ार में 

एक फ़कीर मस्तमौला अमीर बना 
मैं कुछ नहीं खरीद सका मोहब्बत के बाजर में .... 

सलोनी कुमारी

©khubsurat #drowning