ऐ जिंदगी कागज की कश्तियां चलाने और स्कूल का बैग उठाने की उम्र में क्यों, काम का बोझ ढो रहे हम.. ऐ जिंदगी इस पढ़ने - लिखने और खेलने - कुदने की उम्र में चंद रुपयों के लिये क्यों उन दुष्ट मालिकों की डांट सुन रहे हम.. ऐ जिंदगी नए - नए कपड़े और जूते पहनने की उम्र में क्यों किसी के तलवे चाट रहे हम.. ऐ जिंदगी क्यों एक सामान्य सी जिंदगी नहीं जी पा रहे हम.. #jindagi #childlabour अधूरे 💔अल्फ़ाज