पर कुछ और भी चाहिए । बदलाव लाने क लिए जिस इच्छा शक्ति की आवश्यकता होती है बिना उसके काम न बनेगा । इच्छा शक्ति प्रबल होती है व्याकुलता से । और जो कुछ हो रहा है उससे केवल इंसान ही नहीं इस सृष्टि का कण कण व्याकुल होता जा रहा है । बदलाव हमेशा शांति प्रिय नहीं होता कभी बदलाव ,या क्रांति की तलवार को विचारो की सान पर तेज़ कर उसे रक्त से शीतल करना पड़ता है तभी उसमे वो लचक वो ताकत आती है जो क्रांति की इबारत लिखने के लिए जरूरी है। #Books