मुझे क्या ख़बर उसे क्या ख़बर वो भी बेख़बर मैं भी बेख़बर मंजिले अब तो अपनी नहीं एक सी चलो तुम अपने घर चले हम अपने घर। ©Ravi Shukla #मन्ज़िल........