Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं तुम्हें फिर मिलूंगी कब कहां किस जगह पता नहीं श

मैं तुम्हें फिर मिलूंगी
कब कहां किस जगह पता नहीं
शायद इस ज़िन्दगी से परे किसी ज़िन्दगी में
शायद उस ख़ुदा से तुम्हारी बंदगी में

तुम्हारी बीती ज़िन्दगी के किस्सों में
तुम्हारे अधूरे पन के उन हिस्सों में 
मैं तुम्हें फिर मिलूंगी
कब कहां किस जगह पता नहीं

शायद कभी कहीं किसी और जनम में
शायद तुम्हारे खयालों के सिर्फ भरम में 
मैं तुम्हें फिर मिलूंगी
कब कहां किस जगह पता नहीं । #originalpoetrybyamritapritam
#metumhephirmilungi #hindi #youme #lovetales #feelings #love #shortpoem
मैं तुम्हें फिर मिलूंगी
कब कहां किस जगह पता नहीं
शायद इस ज़िन्दगी से परे किसी ज़िन्दगी में
शायद उस ख़ुदा से तुम्हारी बंदगी में

तुम्हारी बीती ज़िन्दगी के किस्सों में
तुम्हारे अधूरे पन के उन हिस्सों में 
मैं तुम्हें फिर मिलूंगी
कब कहां किस जगह पता नहीं

शायद कभी कहीं किसी और जनम में
शायद तुम्हारे खयालों के सिर्फ भरम में 
मैं तुम्हें फिर मिलूंगी
कब कहां किस जगह पता नहीं । #originalpoetrybyamritapritam
#metumhephirmilungi #hindi #youme #lovetales #feelings #love #shortpoem