बहुत याद आता है मुझको मेरा शहर कोई लौटा दे फिर से मुझको मेरा शहर कहाँ गई वो गलियाँ जिन पर हम खेला करते थे कहाँ गए वो दोस्त जिन से हम मिला करते थे। क्या क्या न बदल गया उन्नति के नाम पर वो वादियाँ वो गलियाँ सब बदल गए प्रगति के नाम पर। बहुत याद आता है मुझको मेरा शहर कोई लौटा दे फिर से मुझको मेरा शहर। #MeraShehar