सही वक़्त पर करवा दो,हदो का अहसास मौला, कुछ तालाब ख़ुद को समदंर समझ बैठे है. ओर हमने तो माना था उन्हे खुदा की तरह,हमे क्या पता था कि वो खुद को ही खुदा समझ बैठे है