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हुस्न अगर है तो सादगी में है, चमक धमक तो बस बाज़ा

हुस्न अगर है तो सादगी में है,

चमक धमक तो बस बाज़ारों में ठीक लगती है..
हुस्न अगर है तो सादगी में है,

चमक धमक तो बस बाज़ारों में ठीक लगती है..