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आंखों में जो पानी ना हो, कोमल, मीठी वाणी ना हो। शब

आंखों में जो पानी ना हो,
कोमल, मीठी वाणी ना हो।
शब्दों से जो रस ना बरसे,
पर पीड़ा से ना मन तरसे।।

घर से जो भूखा ही लौटे,
एक रोटी कि आस भुलाकर।
अलग अलग कोने में बैठें,
चारों जन एक घर में आकर।।

बच्चों की किलकारी ना हो,
बड़े जनों का आदर ना हो।
बहू ना लक्ष्मी समझी जाए,
कन्या का मीठा स्वर ना हो।।

फिर ये जीवन कैसा जीवन,
फिर सारे सुख नाम के है।
रुपया पैसा दौलत शोहरत,
तुम बोलो किस काम के हैं?

- Nitin Kr Harit आंखों में जो पानी ना हो,
कोमल, मीठी वाणी ना हो।
शब्दों से जो रस ना बरसे,
पर पीड़ा से ना मन तरसे।।

घर से जो भूखा ही लौटे,
एक रोटी कि आस भुलाकर।
अलग अलग कोने में बैठें,
आंखों में जो पानी ना हो,
कोमल, मीठी वाणी ना हो।
शब्दों से जो रस ना बरसे,
पर पीड़ा से ना मन तरसे।।

घर से जो भूखा ही लौटे,
एक रोटी कि आस भुलाकर।
अलग अलग कोने में बैठें,
चारों जन एक घर में आकर।।

बच्चों की किलकारी ना हो,
बड़े जनों का आदर ना हो।
बहू ना लक्ष्मी समझी जाए,
कन्या का मीठा स्वर ना हो।।

फिर ये जीवन कैसा जीवन,
फिर सारे सुख नाम के है।
रुपया पैसा दौलत शोहरत,
तुम बोलो किस काम के हैं?

- Nitin Kr Harit आंखों में जो पानी ना हो,
कोमल, मीठी वाणी ना हो।
शब्दों से जो रस ना बरसे,
पर पीड़ा से ना मन तरसे।।

घर से जो भूखा ही लौटे,
एक रोटी कि आस भुलाकर।
अलग अलग कोने में बैठें,

आंखों में जो पानी ना हो, कोमल, मीठी वाणी ना हो। शब्दों से जो रस ना बरसे, पर पीड़ा से ना मन तरसे।। घर से जो भूखा ही लौटे, एक रोटी कि आस भुलाकर। अलग अलग कोने में बैठें, #Life #Love #Family #Affection #togetherness #realindia #NitinDilSe #RealMoney