ये माथें की शिकन हैं जो तुम्हारे गाल की झुर्री कोई जलता हुआ सूरज कहीं पर ढल रहा होगा बहुत गंभीर मसअला था न मेरे साथ था कोई मुझें मालूम न बेशक कोई तो हल रहा होगा ©Garima यारों शेर सुनो - पार्ट -2 #SunSet