Nojoto: Largest Storytelling Platform

आंधी चली है विरति की ,सुख न रहेंगे संग ! डोर तोड़ अ

आंधी चली है विरति की ,सुख न रहेंगे संग !
डोर तोड़ अनजान पथ ,उड़कर चली पतंग !!

स्वार्थ के ही सब सगे ,बिन स्वार्थ न कोई नात !
जैसे पंछी आद्र विटप से ,पतझड़ में उड़ जात !!

चलनी चलत समाज की , दौलत ,रूप निथार !
धर्म निकले जात है ,अधर्म को  मिला अधिकार !!

राजनीति के जातं में पिसता ,जवान औ किसान !
धर्म ,जाति,वर्ण और वर्ग में उलझा आज इंसान !!

मन्दिर ,मस्जिद की मंजिले ,कितनी आलीशान !
मुझे मिला घर नही ,प्रभु तुझे इतना बड़ा मकान !! #सामाजिक_समालोचना 

#आंधी चली है #विरति की ,सुख न रहेंगे #संग !
#डोर तोड़ #अनजान पथ ,उड़कर चली #पतंग !!

#स्वार्थ के ही सब सगे ,बिन स्वार्थ न कोई #नात !
जैसे #पंछी आद्र #विटप से ,#पतझड़ में उड़ जात !!
आंधी चली है विरति की ,सुख न रहेंगे संग !
डोर तोड़ अनजान पथ ,उड़कर चली पतंग !!

स्वार्थ के ही सब सगे ,बिन स्वार्थ न कोई नात !
जैसे पंछी आद्र विटप से ,पतझड़ में उड़ जात !!

चलनी चलत समाज की , दौलत ,रूप निथार !
धर्म निकले जात है ,अधर्म को  मिला अधिकार !!

राजनीति के जातं में पिसता ,जवान औ किसान !
धर्म ,जाति,वर्ण और वर्ग में उलझा आज इंसान !!

मन्दिर ,मस्जिद की मंजिले ,कितनी आलीशान !
मुझे मिला घर नही ,प्रभु तुझे इतना बड़ा मकान !! #सामाजिक_समालोचना 

#आंधी चली है #विरति की ,सुख न रहेंगे #संग !
#डोर तोड़ #अनजान पथ ,उड़कर चली #पतंग !!

#स्वार्थ के ही सब सगे ,बिन स्वार्थ न कोई #नात !
जैसे #पंछी आद्र #विटप से ,#पतझड़ में उड़ जात !!