खुशनसीब होते हैं बादल, जो दूर रहकर भी ज़मीन पर बरसते हैं, और एक बदनसीब हम हैं, जो एक ही दुनिया में रहकर भी मिलने को तरसते हैं. #खुशनसीब होते हैं बादल, जो दूर रहकर भी ज़मीन पर बरसते हैं, और एक बदनसीब हम हैं, जो एक ही दुनिया में रहकर भी मिलने को तरसते हैं.