जला कर गरीबो का घर.. इंसानियत को दाग दाग करते है.. अपने नफरत की आग में... सबकी जिंदगी बर्बाद करते हो.. अमन का झोला कहीं ओर फेंक.. अपने ही मां की जमीन को तार तार करते हो... जहां बड़े हुए सब एक साथ.. उस मोहब्बत पर नफरत की वार करते हो.. कैसे इंसान हो तुम.. इंसानियत को दाग दाग करते हो., किसे बचाना चाहते हो ओरो का घर जल कर.. देश को या अपने संविधान को... #love#life#maa