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अंदर तो कीचड़ से गंदे हम सपने रोज सजाते हैं, हम नही

अंदर तो कीचड़ से गंदे हम सपने रोज सजाते हैं,
हम नही जानवर हैं इंसान बाहर से यही दिखाते हैं।।
#हम समाज में लड़कियों ,महिलाओं के लिए जो गंदगी पनप रही रही है लोगों के दिमाग मे उसपर दो पंक्तियाँ 
#हम
अंदर तो कीचड़ से गंदे हम सपने रोज सजाते हैं,
हम नही जानवर हैं इंसान बाहर से यही दिखाते हैं।।
#हम समाज में लड़कियों ,महिलाओं के लिए जो गंदगी पनप रही रही है लोगों के दिमाग मे उसपर दो पंक्तियाँ 
#हम

समाज में लड़कियों ,महिलाओं के लिए जो गंदगी पनप रही रही है लोगों के दिमाग मे उसपर दो पंक्तियाँ #हम #Quotes