चेहरे पर थी उसके इक अजीब सी उलझन, थोड़ी सी परेशानी, थोड़ी सी कश्मकश। खोई हुई थी परिचित से ख्यालों में, ढूंढ रही थी जवाब सवालों में। जब भी ठहरकर बुनती ताने बाने, पाती मन का अलगाव , अपने हो जाते बेगाने। ✍️arti ©jyoti #अजीब उलझन#मेरा मन का अलगाव