ज़मीर की शर्मिंदगी में पिघल जाओगे, जो मैं सच बोल दूँ तो जल जाओगे, वादे इरादे तो बड़े किये थे तुमने, जानता हूं जब वक्त आएगा तो बदल जाओगे ।। चंद अल्फ़ाज़ दगाबाज़ रिश्तों के लिए। :)