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एक मुद्दत तक ख्वाहिशों को मारकर जीना भी किसी बोझ स

एक मुद्दत तक ख्वाहिशों को मारकर जीना भी किसी बोझ से कम नहीं है...... शायद।....@संजीव चौहान
एक मुद्दत तक ख्वाहिशों को मारकर जीना भी किसी बोझ से कम नहीं है...... शायद।....@संजीव चौहान