कितना खूबसूरत है चाँद,
जी करता है तमाम उम्र यहीं ठहरा जाये।
मैं झुरमुट के पीछे छिपकर देखती रहूँ,
न फिर कोई मुझ सी चाँदनी कभी आये।
वक्त यूँ ही थमा रहे एक मुद्दत तक,
क्यों न आज तारों की सेज पर लेटा जाये।
सदियों से बिखरे ख्यालातों की मुलाकात हो,
चलो कुछ इस तरह साथ निभाया जाये। #Poetry#Chand#HindiPoem#aasthagangwar