Nazm " # सुना है वो लोगो के नज़रों में भर के रहते है, गर ये सच है तो यूं करो घर बेचो कुछ दिन उनके शहर में किराए का मकां लेकर रहते हैं , अगर वो बोलते है तो लफ्ज़ उनके लबों से झड़ते है, चलो फिर उनके लफ्जो को नज्मों में पिरो कर रहते हैं, की दिन में उन्हें भबरे सताते है, और रात को उनके अाघोष में जुगनू ठहर के रहते हैं, की उनके जुल्फों से सवरती है सुबह की पहली किरण, गर ये सच है तो एक रात उनकी जुल्फों के साए में गुजार के रहते हैं ! #arzkiyahai