❣️कूछ बोलना था तुम्हे, कूछ दीन से कूछ कहना था तुम्हे ! कैसे कहू कब कहू ये समज नही आ रहा हैं मुझे! मगर आज बोल ही दू ऐसा खयाल आया हैं मेरे दिल में, मगर ये दिलं तुम्हे! देखते ही औंर जोर से धडकने लगता हैं, औंर कूछ बोलना था तुम्हे!❣️ ©gk writes कूछ बोलना था तुम्हे!❣️ #ValentinesDay #Love #प्रेम #poem #मोहब्बत #अल्फाज kriti