तुझसे सिर्फ एक उम्मीद ए वफ़ा नहीं है, वरना इस ज़िन्दगी मे और क्या नहीं है. फलसफा है हवाओं का, साँसो का खेल, तेरी ख़ुश्बू नहीं जिसमे, वो हवा नहीं है. सागरों के तलातुम मचलते रहे लब के लिए, मगर लहरों मे प्यास बुझाने की अदा नहीं है. arshad alam arsh #love