आदतन होता रहा ये...⊙ फिर ये अज़ाबे ज़िन्दगी... ढोना पड़ा मुझे... मंज़िल मिली तो रास्ता... #खोना_पड़ा_मुझे ॥ कुछ दिन तेरा ख़्याल रहा... हावी नींद पर... फिर उसके बाद हार के... #सोना_पड़ा_मुझे ॥ उस दिन समझ में आई... समुन्दर को मेरी प्यास... जब ख़ुश्कियों में ख़ुद को... #डुबोना_पड़ा_मुझे ॥ प्रीत साहेबां ॥