फ़रियाद कभी महबूब की फ़रियाद करे कभी मिन्नत ए औलाद करे खुदगर्ज़ है कितना आदमी अपने मतलब पर ही याद करे कुछ तो जादूगरी भी कमाल है दर्द को छिपा कर लबों को शाद करे नेकियों में भी एक होड़ लगी है नाम लिखा कर मदद ए इमदाद करे औरो को सलाह दे सब्र करने को और अपने घर में ही फ़साद करे आमिल Kabhi Mehboob ki fariyaad kare Kabhi minnat e auollad kre Khudgarz hai kitna aadmi Apne mtlb pr hi yaad kare Kuch to jaadugiri bhi kamaal hai Dard ko chhipa kr labbo ko shaad kare