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उस शाम को आज फिर से लिखने बैठा जो कभी हुई ही नही म

उस शाम को आज फिर से लिखने बैठा
जो कभी हुई ही नही मेरी
तेरे ख्याल को बुनने की कोशिश
और फिर उनके धूल जाने का दर्द
सब कुछ तो आता है मुझसे मिलने
बस एक तुम नही आती
 उस शाम को आज फिर से लिखने बैठा
जो कभी हुई ही नही मेरी
तेरे ख्याल को बुनने की कोशिश
और फिर उनके धूल जाने का दर्द
सब कुछ तो आता है मुझसे मिलने
बस एक तुम नही आती
कुछ हर्ज़ है या शिकायत है कोई
तुमने कभी कुछ कहा भी तो नही
उस शाम को आज फिर से लिखने बैठा
जो कभी हुई ही नही मेरी
तेरे ख्याल को बुनने की कोशिश
और फिर उनके धूल जाने का दर्द
सब कुछ तो आता है मुझसे मिलने
बस एक तुम नही आती
 उस शाम को आज फिर से लिखने बैठा
जो कभी हुई ही नही मेरी
तेरे ख्याल को बुनने की कोशिश
और फिर उनके धूल जाने का दर्द
सब कुछ तो आता है मुझसे मिलने
बस एक तुम नही आती
कुछ हर्ज़ है या शिकायत है कोई
तुमने कभी कुछ कहा भी तो नही
vinaykumar3349

Vinay Kumar

New Creator

उस शाम को आज फिर से लिखने बैठा जो कभी हुई ही नही मेरी तेरे ख्याल को बुनने की कोशिश और फिर उनके धूल जाने का दर्द सब कुछ तो आता है मुझसे मिलने बस एक तुम नही आती कुछ हर्ज़ है या शिकायत है कोई तुमने कभी कुछ कहा भी तो नही #Poetry #dpf