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लौटते वक़्त.. मैं...कुछ खुद को.. ....तुम में भूल आ

लौटते वक़्त.. मैं...कुछ खुद को..
....तुम में भूल आया था...
...हो सके तो मेरा थोड़ा ख़्याल रखना
आऊंगा मैं खुद को लेने फ़िर......
कब ...... पता नहीं
पर तब तक हो सके तो तुम मेरा थोड़ा ख़्याल रखना
यूं तो बदले में यादें तुम्हारी ले आया था
तुम्हारी आंखें , तुम्हारी जुल्फें , तुम्हारी आवाज़ , तुम्हारा चेहरा....
...सब है इन यादों में
पर ये यादें....
ये यादें मेरे हक़ की ही तो हैं
और यूं तो ज़िन्दगी तुम्हारी बड़ी है....भाग दौड़ भरी है
पर इस बड़ी ज़िन्दगी में....
...रोज़ की इस भाग दौड़ में
मुझे कहीं खो ना देना
क्यूंकि...डरता हूं मैं..
..अभी भी...इस ज़माने से
हां.... हां जानता हूं होगी तकलीफ़ तुम्हें
मुझे संभाले रखने में
पर दरख़्वास्त है फ़िर भी मेरी..
हो सके तो थोड़ा मेरा ख़्याल रखना................. लौटते वक़्त.. मैं...कुछ खुद को..
....तुम में भूल आया था...
...हो सके तो मेरा थोड़ा ख़्याल रखना
आऊंगा मैं खुद को लेने फ़िर......
कब ...... पता नहीं
पर तब तक हो सके तो तुम मेरा थोड़ा ख़्याल रखना
यूं तो बदले में यादें तुम्हारी ले आया था
तुम्हारी आंखें , तुम्हारी जुल्फें , तुम्हारी आवाज़ , तुम्हारा चेहरा....
लौटते वक़्त.. मैं...कुछ खुद को..
....तुम में भूल आया था...
...हो सके तो मेरा थोड़ा ख़्याल रखना
आऊंगा मैं खुद को लेने फ़िर......
कब ...... पता नहीं
पर तब तक हो सके तो तुम मेरा थोड़ा ख़्याल रखना
यूं तो बदले में यादें तुम्हारी ले आया था
तुम्हारी आंखें , तुम्हारी जुल्फें , तुम्हारी आवाज़ , तुम्हारा चेहरा....
...सब है इन यादों में
पर ये यादें....
ये यादें मेरे हक़ की ही तो हैं
और यूं तो ज़िन्दगी तुम्हारी बड़ी है....भाग दौड़ भरी है
पर इस बड़ी ज़िन्दगी में....
...रोज़ की इस भाग दौड़ में
मुझे कहीं खो ना देना
क्यूंकि...डरता हूं मैं..
..अभी भी...इस ज़माने से
हां.... हां जानता हूं होगी तकलीफ़ तुम्हें
मुझे संभाले रखने में
पर दरख़्वास्त है फ़िर भी मेरी..
हो सके तो थोड़ा मेरा ख़्याल रखना................. लौटते वक़्त.. मैं...कुछ खुद को..
....तुम में भूल आया था...
...हो सके तो मेरा थोड़ा ख़्याल रखना
आऊंगा मैं खुद को लेने फ़िर......
कब ...... पता नहीं
पर तब तक हो सके तो तुम मेरा थोड़ा ख़्याल रखना
यूं तो बदले में यादें तुम्हारी ले आया था
तुम्हारी आंखें , तुम्हारी जुल्फें , तुम्हारी आवाज़ , तुम्हारा चेहरा....

लौटते वक़्त.. मैं...कुछ खुद को.. ....तुम में भूल आया था... ...हो सके तो मेरा थोड़ा ख़्याल रखना आऊंगा मैं खुद को लेने फ़िर...... कब ...... पता नहीं पर तब तक हो सके तो तुम मेरा थोड़ा ख़्याल रखना यूं तो बदले में यादें तुम्हारी ले आया था तुम्हारी आंखें , तुम्हारी जुल्फें , तुम्हारी आवाज़ , तुम्हारा चेहरा.... #Zindagi #Hindi #Yaad #ishq #Shayari #yaadein #nojotohindi #hindipoetry #chehra #aankhein #zulfein