(मेरा गांव बदल गया) मेरा गांव मुझसे पुछता है,बहुत देर लगाई जनाब आते आते मेरे बिन कैसे गुजारी तुमने शामें,कैसे गुजरती थी तुम्हारी रातें याद नहीं आई तुम्हें गाँव की गलियां,गाँव की बरसाते। वो पेड़ जिस पर तुम झुलते थे,अब टुट चुका है तुम्हारा हर दोस्त हर यार तुमसे रुठ चुका है वो तालाब जिसमें तुम नहाते थे,अब सुख चुका है। मेरे गांव की इन बातों को सुनकर मुझे एहसास हुआ बड़प्पन तक आते आते मेरा बचपन मुझसे छुट गया। मेरा पुराना गांव अब बदल चुका है,एक नये सिरे में ढल चुका है कब तक जीता मेरी यादों में वो,अब खुद ही सम्भल चुका है। अब मेरा हर यार,मेरा वो प्यार मुझसे दुर है अजब कशिश है यहां आकर भी,दिल में अजीब सुरुर है। आज मैं अपनों के बीच सहमा सा रहता हुं,बचपन में जहाँ खेलता,हंसता था वहां आज तन्हा सा रहता हूं। मेरा गांव मुझसे नाराज है,मुझ पर खीझता है,पर उसे मनाने का कोई तरीका नहीं सुझता है। जैसा सोचा था मैंने मेरा गांव वैसा आज हो गया है लेकिन इस नये गांव में मेरे बचपन वाला गांव खो गया है। #myvillage #memory #sadnessofvillage #nojoto #nojotoapp #nojptohindi #nojotoshayri #nojotopoetry Ritika Suryavanshi Babita Pandey Arzooo 😍😍