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इज़हार हम कितनी बातें करते हैं फिर भी कुछ बात दबाय

इज़हार  हम कितनी बातें करते हैं
फिर भी कुछ बात दबाये हैं,

तुम भी जज़्बात दबाये हो
हम भी जज़्बात दबाये हैं।।

(अदनान सिद्दीकी)
इज़हार  हम कितनी बातें करते हैं
फिर भी कुछ बात दबाये हैं,

तुम भी जज़्बात दबाये हो
हम भी जज़्बात दबाये हैं।।

(अदनान सिद्दीकी)