तेरा नूर देख, थम-सा गया था मैं, तो इश्क किया तो इकरार होना भी जरूरी था। दुनिया की रिवायत पर इज्तिरार था मैं, तो इश्क करके, बदनाम होना भी जरूरी था। तेरे आने की आस में मुंतजिर था मैं, तो इश्क में कुरबत होना भी जरूरी था। तेरे आने वाले कल का माजी़ था मैं, तो इश्क में मुसाफिर होना भी जरूरी था। तू बेवफा और वफादार था मैं, तो इश्क में जुदा होना भी जरूरी था। तुझसे मिलने की तलब को छोड़े था मैं, तो इश्क का अधूरा होना भी जरूरी था।। NURI 😜 RhythmeShine stardust