वो पगली उसे चांद कहे रही है। छोटे-से जुगनू को रोशनदान कहे रही है। उसे दिखता ही नही हमारे दिल मे जलनेवाला सुरज, वो खडी है जहापे, वो उसे आसमान कहे रही है।... कवीराज ९०२१०३४९१७. गलतफहमी