संकटों के तिमिर में , जब जिंदगी सताए। घूम-घूम पृथ्वी पे, पाप रंग दिखाएं।। जब अपना रंग उतरे , बेरंग हो मनुज जब। विचलित हो प्राण तन में , तो मां ही याद आए।।